Sunday, June 19, 2011

Reply--- Koi Deewana Kahta Hai.............

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न मै दीवाना कहती हूँ न तो पागल समझती हूँ
तेरी यादो को इन पैरों की अब पायल समझती हूँ
हमारे दिल की दूरी घट नहीं सकती कभी क्यूंकि
न तुम मुझको समझते हो न मै तुमको समझती हूँ

मोहब्बत एक धोका है मोहब्बत एक फ़साना है
मोहब्बत सिर्फ ज़ज्बातों का झूठा कारखाना है
बहुत रोई हैं ये आँखें मोहब्बत की कहानी पर
तभी तो जानती हैं कौन अपना और बेगाना है

समय की मार ने आँखों के सब मंजर बदल डाले
ग़म-ऐ-जज़्बात ने यादो के सारे घर बदल डाले
मै अपने सात जन्मो में अभी तक ये नहीं समझी
न जाने क्यूँ भला तुमने भी अपने स्वर बदल डाले

ये सच है की मेरी उल्फत जुदाई सह नहीं पायी
मगर महफ़िल में सबके सामने कुछ कह नहीं पाई
मेरी आँखों के साहिल में समुन्दर इस कदर डूबा
बहुत ऊंची उठीं लहरें पर बाहर बह नहीं पाई

एक ऐसी पीर है दिल में जो जाहिर कर नहीं सकती
कोई बूटी मेरे दिल के जखम अब भर नहीं सकती
मेरी हालत तो उस माँ की प्रसव-पीड़ा से बदतर है
जो पीड़ा से तो व्याकुल है मगर कुछ कर नहीं सकती

बहोत अरमान आँखों में कभी हमने सजाये थे
तेरी यादो के बन्दनवार इस दर पर लगाये थे
तुम्हारा नाम ले लेकर वो अब भी हम पे हस्ते है
तुम्हारे वास्ते जो गीत हमने गुनगुनाये थे !!

तुम्हारे साथ हूँ फिर भी अकेली हूँ ये लगता है
मै अब वीरान रातों की सहेली हूँ ये लगता है
न जाने मेरे जज्बातों की पीड़ा कौन समझेगा
मैं जग में एक अनसुलझी पहेली हूँ ये लगता है

इस दीवानेपन में हमने धरती अम्बर छोड़ दिया
उनकी पग रज की चाहत में घर आँगन छोड़ दिया
कुछ कुछ जैसे मीरा ने त्यागा अपना धन वैभव
कान्हा की खातिर ज्यूँ राधा ने वृन्दावन छोड़ दिया

ये दिल रोया पर आंसू आँख से बहार नहीं निकले
हमारे दिल से तेरी याद के नश्तर नहीं निकले
तुम्हारी चाहतो ने इस कदर बदनाम कर डाला
किसी के हो सके हम इतने खुशकिस्मत नहीं निकले

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Pyar nahin de paunga !!!-----> One of the Best !!

O kalp-vraksh ki son-juhi
O amal-tas ki amar kali
Dharti ke aatap se jalte
Man par chaayi nirmal badli
Main tumko madhu-sad-gandh yukt, sansaar nahi de paunga !
Tum mujhko karna maaf priye main pyar nahi de paunga !!

Tum kalp-vraksh ka fool aur
Main dharti ka adna gayak
Tum jeewan ke upbhog yogya
Main nahi adhuri gazal shubhey
Tum saam-gaan si pawan ho
Himshikharon par sehsa kaundha
Bijuri si tum man bhawan ho
Isliye vyarth shabdo wala, vyapar nahi de paunga !
Tum mujhko karna maaf priye main pyar nahi de paunga !!

Tum jis shaiya par shayan karo
Veh sheer sindh si pawan ho
Jis aangan ki ho maul-shree
Veh aangan kya vrandawan ho
Jin adhron ka chumban pao
Veh adhar nahin ganga tat ho
Jiski chaya ban saath raho
Veh vyakti nahin vanshi-vat ho
Par main vat jaisa saghan chaaon ,vistaar nahin de paunga !
Tum mujhko karna maaf main pyar nahi de paunga !!

Main tumko chand sitaron ka
Saupun uphar bhala kaise
Main yayavar banjara sadhu
sur-sansar bhala kaise
Main jeewan ke prashno se nata
Tod, tumhare saath shubhe !
Barudi bichi dharti par kar loon
Do pal pyar bhala kaise
Isliye vivash har aanson ko, satkaar nahi de paunga !
Tum mujhko karna maaf tumhe main pyar nahi de paunga !!



By Dr. Kumar Vishwas

Jeevan Nahi Mara Karta Hai

छिप छिप अश्रु बहाने वालो
मोती व्यर्थ लुटाने वालो
कुछ सपनो के मर जाने से
जीवन नही मरा करता है

सपना क्या है, नयन सेज पर
सोया हुआ आंख का पानी
और टूटना है उसका ज्यों
जागे कच्ची नींद जवानी

गीली उमर बनाने वालो
डूबे बिना नहाने वालो
कुछ पानी के बह जाने से
सावन नही मरा करता है

माला बिखर गई तो क्या
खुद ही हल हो गई समस्या
आँसू ग़र नीलाम हुए तो
समझो पूरी हुई तपस्या

रूठे दिवस मनाने वालो
फटी कमीज़ सिलाने वालो
कुछ दीपों के बुझ जाने से
आंगन नही मरा करता है

खोता कुछ भी नहीं यहाँ पर
के़वल जिल्द बदलती पोथी
जैसे रात उतार चांदनी
पहने सुबह धूप की धोती

वस्त्र बदलकर आने वालो
चाल बदलकर जाने वालो
चंद खिलौनों के खोने से
बचपन नही मरा करता है

लाखों बार गगरियां फूटीं
शि़क़न न आई पर पनघट पर
लाखों बार कश्तियां डूबीं
चहल पहल वोही है तट पर

तम की उम्र बढाने वालो
लौ की आयु घटाने वालो
लाख करे पतझर कोशिश पर
उपवन नही मरा करता है

लूट लिया माली ने उपवन
लुटी न लेकिन गंध फूल की
तूफानों तक ने छेड़ा पर
खिड़की बंद न हुई धूल की

नफरत गले लगाने वालो
सब पर धूल उडाने वालो
कुछ मुखडों की नाराज़ी से
दर्पन नही मरा करता है

जीवन नही मरा करता है

Meri Deewaandi Apna Thikhaana Dhund Leti Hai

मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है
मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है

बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है

हकीकत जिद किए बैठी है चकनाचूर करने को

मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है

न चिडि़या की कमाई है न कारोबार है कोई

वो केवल हौसले से आबोदाना ढूंढ लेती है

समझ पाई न दुनिया मस्लहत मंसूर की अब तक

जो सूली पर भी हंसना मुस्कुराना ढूंढ लेती है

उठाती है जो खतरा हर कदम पर डूब जाने का

वही कोशिश समन्दर में खजाना ढूंढ लेती है

जुनूं मंजिल का, राहों में बचाता है भटकने से

मेरी दीवानगी अपना ठिकाना ढूंढ लेती है

Pyar ka dard By Dr. Neeraj Das

mai peeda ka raj kunvar hun, tum shahjadi roopnagar ki,
ho bhi gaya prem ham me to bolo, milan kahan par hoga.
mera kurta sila dukhon ne,
badnami ne kaj nikale,
tum jo anchal odhe usme
ambar ne khud jade sitare.
mai keval pani hi pani, tum keval madira hi madira,
mit bhi gaya bhed tan ka to, man ka havan kahan par hoga.

mai janma isliye ki
thodi umra ansuon ki badh jae.
tum aai is hetu ki menhdi,
roj nae kangan banavae,
tum udayachal, mai astachal, tum sukhant ki mai dukhanta ki,
mil bhi gae ank apne to ras avataran kahan par hoga.

meelon jahan na pata khushi ka,
mai us angan ka iklauta,
tum us ghar ki kali jahan,
nit honth kare geeton ka nyauta,
meri umar amavas kali aur tumhari poonam gori,
mil bhi gai rashi apni to bolo lagan kahan par hoga

itna dani nahi samay ki,
har gamale me phool khila de,
itni bhavuk nahi jindagi,
har khat ka uttar bhijva de,
milna apna saral nahi par, phir bhi yah socha karta hun,
jab na adami pyar karega, jane bhuvan kahan par hoga

ho bhi gaya prem ham me to bolo, milan kahan par hoga.

"monsoon aane wala hein"

भभकता सूरज, गर्म हवाए, सूखती धरती..
मरते लोग...सब कुछ तो ठीक था....
हर साल यही तो होता हे..
फिर भी स्कूल से लौटी छुटकी ने
थेला रखकर आँगन मे..
जाने कौनसा गीत गाने लगी..
जोर-जोर से चिल्लाने लगी..
कि मानसून आने वाला हे
भाई मानसून आने वाला हे..

सत्तर पार की संतो काकी..
बैचेन होकर चारपाई से उतरी..
उछलती छुटकी का हाथ दबोचा..
लकडी से डराकर कहने लगी..
"मुई पेट भरने को दाना नहीं..
पानी का भी ठिकाना नहीं
घर की इस बिगडी हालत मे
किसको न्योता दे आई"
कि मानसून आने वाला हे
भाई मानसून आने वाला हे..

इतने मे छुटकी हाथ छुड़ाकर
भागी सरपट दुम दबाकर
गोद मे जाकर अपनी माँ को
हस-हसके समझा ने लगी
फिर दोनों उठकर बीच आँगन मे
हसते-हसते गाने लगी..
कि मानसून आने वाला हैं
भाई मानसून आने वाला हैं..

लछमन चाचा घर पर आया
उसको भी सबने समझाया
पुराने छप्पर को नया बनाओ
सूखे होज़ को साफ कराओ
इस बार ये पानी बह न जाए
छुटकी गौर से, बात बताने लगी..
कि मानसून आने वाला हैं
भाई मानसून आने वाला हैं ..

सूखी धरती पर हरियाली होगी
गायों कि बात निराली होगी
जब मिलेगा उनको खूब चारा
फिर बदलेगा वक़्त हमारा
देख आसमा, लछमन चाचा
मन ही मन गुनगुनाने लगा
कि मानसून आने वाला हैं
भाई मानसून आने वाला हैं..

अब संतो कि समझ में आया
दुआ में उसने हाथ उठाया
घर में फिर खुशहाली लादे
राधा कि फिर गोद भरादे
गीले आँगन में खेलता मुन्ना
सोच-सोच, इतराने लगी
बूढी आँखों से आंसू छलका कर
अब संतो काकी गाने लगी
कि मानसून आने वाला हैं
भाई मानसून आने वाला हैं..